क्या है सही- टाइम रॉबर या टाइम सेवर

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क्या आप पहचानते हैं अपने टाइम रॉबर कोसंस्था द्वारा आयोजित एक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जाना हुआ। वहां पर एक दिन ‘टाइम रॉबर’ जैसे अनूठे टॉपिक पर चर्चा की गई। ‘टाइम रॉबर’ यानी समय के डकैत। जीवन में कहीं न कहीं हम सबका इनसे वास्ता पड़ता है। इनकी पहचान बहुत ही मुश्किल होती है। जिसने भी ‘टाइम रॉबर’को पहचान लिया, समझो उसका जीवन संवर गया। वैसे इनके उलट भी लोग होते हैं, जिन्हें हम ‘टाइम सेवर’ कह सकते हैं, यानी समय को बचाने वाले। इन दोनों में इतना महीन अंतर है कि इंसान इन्हें पहचानने में धोखा खा जाए। अनुभव से इन्हें पहचाना जा सकता है। आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग कभी-कभी बातचीत में इतने अधिक तल्लीन हो जाते हैं कि उन्हें समय का भान ही नहीं होता। इस बीच वे अपने कई आवश्यक काम नहीं कर पाते। यहां दोनों ही परस्पर ‘टाइम रॉबर’ हैं। दोनों ने एक-दूसरे का समय बर्बाद किया।

कई बार ऐसा होता है कि हम कहीं जा रहे हैं, तो कोई हमसे कहता है कि आगे रास्ता खराब है, आप नहीं जा पाएंगे। उस समय वह हमें ‘टाइम रॉबर’ के रूप में दिखाई देता है, जिसने व्यर्थ ही हमें बातों में लगाया। यदि आगे जाकर सचमुच ही रास्ता खराब मिलता है, तो वही व्यक्ति हमारे लिए ‘टाइम सेवर’ बन जाता है। बस इतना ही फर्क होता है दोनों में। कई बार ऐसा होता है कि जिसे हम ‘टाइम सेवर’ मानते हैं, वह ‘टाइम रॉबर’ निकलता है, तो कभी इसके विपरीत भी होता है। ‘टाइम रॉबर’ की सक्रियता अक्सर महिलाओं में अधिक होती है, लेकिन पुरुष भी किसी मामले में पीछे नहीं होते। आप स्वयं अनुभव करें। कभी-कभी किसी काम में हमें जरूरत से अधिक समय लगता है। इसका आशय यही है कि वहां ‘टाइम रॉबर’ काम कर रहा है। कभी कोई काम आसानी से हो जाता है, तो अनजाने में हमारा ‘टाइम सेवर’ हमें काम आता है। आप यदि तय कर लें कि इस काम में हमें इससे अधिक समय नहीं देना है, तो बस आप हो गए ‘टाइम सेवर। कंप्यूटर पर बैठने वाले कई बार घंटों ई-मेल चेक करने और जवाब देने में ही लगा देते हैं, जबकि उससे कहीं आवश्यक काम उनका इंतजार कर रहा होता है। निंदा पुराण, साड़ी पुराण आदि ‘टाइम रॉबर’ के ही रूप हैं।
आजकल बच्चों का काफी समय इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स निगल लेती हैं। इसे वे नहीं समझ पाते। पर बाद में जब कई काम उनसे नहीं हो पाते, तब समझ में आता है कि उन्होंने कितना समय खराब कर दिया। जो लोग अपना टेबल साफ नहीं रख सकते, ‘टाइम रॉबर’ उनका सबसे बड़ा दुश्मन है। ऐसा दुश्मन, जो उन्हें कभी सही समय पर सही काम करने नहीं देगा। ‘टाइम रॉबर’ को समझने के लिए विद्यार्थी की किताबें-कापियां, कपड़े, बैग आदि देखना ही पर्याप्त हैं। करीने से रखी हुई हर चीज यह बताती है कि ‘टाइम सेवर’ उनके साथ है। बेतरतीब चीजों के अटाले के पास ‘टाइम रॉबर’ ही मिलेंगे। हां इन अटालों से आप कोई उपयोगी चीज निकाल लें, वही होगा आपका ‘टाइम सेवर। जो समय बचाने में हमारी मदद करे, वही है सच्चा ‘टाइम सेवर। जरा ध्यान से देखें, तो समझ में आ जाएगा कि कौन हमारा जीवन संवारने में मददगार है। हर किसी को अपना समय देने की एक सीमा होती है। जो प्रेमिका या प्रेमी को आवश्यकता से अधिक समय देते हैं, उससे बड़ा ‘टाइम रॉबर’ और कोई हो ही नहीं सकता। जो विफल रहे हैं, उनके जीवन में ‘टाइम रॉबर’ की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ‘टाइम रॉबर’ हमें समय को खोना सिखाते हैं और ‘टाइम सेवर’ समय को सहेजना। अब यह हम पर निर्भर है कि हम किसे अपना दोस्त बनाना चाहते हैं।

 

डॉ. महेश परिमल

Dr. Mahesh Parimal
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डॉ. महेश परिमल जी का बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने टाइम रॉबर और टाइम सेवर से सम्बंधित इतना अच्छा हिंदी आर्टिकल हमारीसफलता.कॉम के साथ शेयर किया..

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