जब आप विश्वास करते हैं, तो आपका दिमाग तरीके ढूँढ ही लेता है।

यह एक Successful Practical है, जिसके मुताबिक़ यह साबित हो चूका है कि जब आप यह विश्वास करते हैं कि कोई काम असंभव है, तो आपका दिमाग आपके सामने यह प्रूव करता है कि यह सचमुच असंभव है।  लेकिन इसके Opposite जब आप विश्वास करते हैं, सचमुच भरोसा रखते हैं कि वाकई यह काम किया जा सकता है, तो आपका दिमाग आपके लिए अपने काम में जुट जाता है, और तरीके ढूंढने शुरू कर देता है।

विश्वास, अपनी आपमें एक बहुत बड़ी शक्ति होती है।  यदि आप मन में पूरे विश्वास के साथ सोचते या कल्पना करते हैं कि यह कार्य सम्भव है, और इसे आप कर सकते हैं तो यह आपके रचनात्मक समाधानों का रास्ता खोल देता है। अपने मन को यह सन्देश देना कि यह मुमकिन नहीं है, आप नहीं कर सकते, पूरे विश्वास के साथ Negativity पर ध्यान आकर्षित करना, केवल असफल व्यक्तियों की सोच होती है।  ये बातें आपकी सारी परिस्थितियों में Apply की जा सकतीं हैं, चाहे वो परिस्थितियां बड़ी हों या फिर छोटी!

जिन स्टूडेंट्स को यह विश्वास नहीं होता कि वे अपने Exam में Pass नहीं हो सकते, वो यकीनन ही अपने Exam में असफल होंगे या फिर Pass भी होंगे तो बहुत ही कम मार्क्स के साथ, ऐसा सिर्फ इस कारण क्योंकि उनका दिमाग Pass होने के लिए, पढ़ने के लिए रचनात्मक उपाय नहीं ढूंढ पायेगा।

जो बिजनेसमैन खुद में यह विश्वास पैदा कर देता है कि अभी बिजनेस में वो मंदी का सामना कर रहा है, उस लिहाज से वो अपने बिजनेस को ऊंचे लेवल पर ले जाने के लिए कभी प्रयास ही नहीं करेगा या फिर वो उस मंदी में ही घिरा रहेगा।  क्योंकि किसी भी बिजनेस को रन करने के लिए उसके अंदर उस विश्वास का होना बहुत ही जरूरी है जिससे वो अपने बिजनेस को आगे लेवल तक ले जाने के लिए रचनात्मक तरीके खोज सके और अपने विश्वास से लगातार उसे विकसित कर सके।

अगर आप खुद पर यकीन करते हैं, विश्वास को बनाये रखते हैं, तो आप अपनी निजी जिंदगी में भी एक बड़ा बदलाव होते देखेंगे।  अपनी व्यक्तिगत परेशानियों का हल ढूंढ सकेंगे।

विश्वास के द्वारा ही, आपके अंदर शक्तियां पैदा होंगी, जो आपके क़दमों को आगे बढ़ाने में आपकी सहायता करेंगी लेकिन अविश्वास इन पर ब्रेक लगा देता है इसलिए यदि आपको नए रास्ते बनाने हैं तो विश्वास कीजिये।

मैं अभी BCA (Bachelor of Computer Applications) Final का Student हूँ।  इस पढ़ाई के दौरान ब्लॉगिंग करना, उपन्यास लिखना, किताब लिखना, कॉलेज के प्रोजेक्ट बनाना, नए-नए लोगों से मिलना, इनबॉक्स पर पड़े  मेल का जवाब देना, कस्टमर के ब्लॉग डिजाईन करना, समय-समय पर सबसे बात करना, लोकल एरिया के स्कूलों में Technical बातों पर उन्हें गाइड करना, उन्हें मोटिवेट करना और बहुत से ऐसे काम जो मेरे Age के आदमीं या मेरे क्लासमेट सुनते ही आश्चर्य में पड़ जाते हैं, और मेरा लक्ष्य हमेशा उनके विश्वास से दो कदम आगे खुद को खरे उतारना है।

Actually बहुत से ऐसे काम जो मैं आज कर पा रहा हूँ उसमें सबसे बड़ा Role विश्वास का ही है।  यदि मैं विश्वास नहीं करता तो मेरा दिमाग इतनी सारी चीजें करने के लिए शायद ही कोई तरीका ढूंढ पाता लेकिन विश्वास के चलते ही दिमाग ने ऐसे-ऐसे तरीके ढूंढे जिससे ये सारे काम आज मैं आसानी से कर पा रहा हूँ।

विश्वास कीजिये कि जो आप सोचते हैं वो सब हो सकता है।  यही रचनात्मक सोच की पहली आवश्यकता है।  नीचे कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं और अपनी रचनात्मक सोच की शक्ति को और अधिक विकसित कर सकते हैं:-

१. अपने Dictionary से असम्भव (Impossible) शब्द को हमेशा के लिए निकाल फेंकिए।  इस शब्द को मन में, दिमाग में यहाँ तक कि कभी  जबान में भी आने मत दीजिये। याद रखिये असंभव, असफलता के लिए बनाया गया शब्द है। जब आप सोचते हैं कि “यह असंभव है” तो आपके दिमाग में ऐसे विचार आ जाते हैं जो यह साबित कर देते हैं कि आप सचमुच सही सोच रहे हैं।

हमेशा जबान में इस प्रकार के शब्द ही होने चाहिए “हाँ मैं कर सकता हूँ, यह सम्भव है, और प्रयास करने से क्या कुछ नहीं हो सकता! यह बिलकुल हो जायेगा, और मैं इसे करके ही रहूँगा।” जैसे ही आप सम्भव है, वाला सिग्नल अपने दिमाग को भेजते हैं, आपका दिमाग विश्वास के रास्ते पर खुद को जाने के लिए पूरी तरह से तैयार कर देता है।  और एक बार जब आपके मन में विश्वास जाग उठता है, तो आपका दिमाग सफल होने के लिए तरीके ढूँढना शुरू कर देता है।

२. किसी ऐसे काम के बारे में सोचने का प्रयास करें, जिसे पहले कभी आप करने का सोचे हों लेकिन उस समय वह काम आपको असंभव सा लगा हो। अब उन कारणों का एक लिस्ट बनाएं कि ऐसा किस तरह से सम्भव हो सकता है। हममें से अधिकतर लोग अपनी इच्छाओं को दबाकर रखते हैं, इच्छाओं को सपनों में बदलने में ज्यादा देर नहीं लगती, लेकिन हम अपनी इच्छाओं को कोड़े मारते हैं और उन्हें हरा देते हैं। क्योंकि हमारा पूरा समय यही सोचते हुए निकल जाता है कि हम कोई काम क्यों नहीं कर पाएंगे जबकि हमें यह सोचना चाहिए कि हम कोई काम क्यों कर सकते हैं और किस तरह से कर सकते हैं।

३. खुद से हमेशा प्रश्न कीजिये, “मैं यह काम और ज्यादा किस तरह से कर सकता हूँ, खुद से प्रश्न करना विश्वास की क्षमता को बढ़ाने में आपकी हेल्प करती है। क्योंकि काम करना एक मानसिक अवस्था है, जब आप खुद से सवाल पूछेंगे तो आपके दिमाग में अच्छे शॉर्टकट अपने आप आ जायेंगे।  बिजनेस में सफल होने का रहस्य यही है कि हमेशा अपने काम की क्वालिटी को सुधारें, अपने काम को लगातार बेहतर तरीके से करने का प्रयास करें। और जितना पहले करते थे उससे ज्यादा करने की कोशिश करें।  अपने काम की गुणवत्ता को निखारें। आत्मसुधार की कोई सीमा नहीं होती,  इसलिए जब आप खुद से प्रश्न करते हैं, कि मैं इसे किस तरह और भी बेहतर कर सकता हूँ तो अच्छे जवाब अपने आप उभरकर सामने आने लगते हैं।

मैं जब भी कुछ नया करने के लिए ट्राई करता हूँ, उसके पहले मैं खुद से घंटों बात करता हूँ, चाहे वो मार्केट जाते वक्त हो, या फिर कंप्यूटर के सामने बैठे हुए।  जब मुझे उत्तर मिलना शुरू होता है, उसके बाद ही मैं अपने टीम के साथ इस बारे में बात करता हूँ।  इसलिए आप भी विश्वास कीजिये, कोशिश कीजिये और देखिये आपका दिमाग नए-नए तरीके ढूंढ ही लेगा।

धन्यवाद!


Note:- यह आर्टिकल लेखक “डेविड जे. श्वार्टज़” की किताब “बड़ी सोच का बड़ा जादू” से प्रेरित है।

 

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