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खुशियां बांटिए अफवाहें नहीं – Inspirational Hindi Kahani

Share Happiness not Rumors in Hindi

दोस्तों, इस आर्टिकल को शुरू करने से पहले बचपन की एक पुरानी कहानी पर लौटते हैं।

आसमान गिरा

जंगल में सभी जंगली-जानवर बहुत प्यार से रहते थे। वे सारे सुख – दुःख एक दूसरे के साथ बांटते थे।  एक दिन मोनू नाम का एक खरगोश नारियल के पेड़ के नीचे आराम कर रहा था।  जैसे ही उसने झपकी ली, दो बड़े से नारियल के फल उसके सिर के ठीक ऊपर गिर पड़े।  मोनू फ़ौरन उठ खड़ा हुआ, उसे ऐसा लगा जैसे धरती फटने वाली हो, आसमान गिर रहा हो।  वो वहां से भागता हुआ जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “भागो-भागो धरती फट रही है, आसमान गिर रहा है।” वो ऐसा चिल्लाता हुआ वहां से जंगल की तरफ आगे बढ़ने लगा।
उसके दूसरे खरगोश साथियों ने ये खबर सुनी और बिना किसी जांच-पड़ताल के वे सब भी मोनू के साथ चिल्लाते हुए जंगल में आगे बढ़ते चले गए।  अब अन्य जानवर जिनमें हिरन, भालू, शेर, जिराफ, सभी शामिल थे मोनू के साथ “भागो-भागो धरती फट रही है, आसमान गिर रहा है।” चिल्लाते हुए आगे बढ़ रहे थे।  ये बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और सभी जानवर शहर की तरफ भागने लगे।  उस जंगल में गोपी नाम का एक समझदार सियार रहता था।  सभी को भागता हुआ देख उसने हिरन से पूछा, “आप सब इस तरह अचानक कहाँ भाग रहे हैं ? ” हिरन ने कहा, “मुझे तो भालू ने बताया कि हम पर संकट छाया है, आसमान गिर रहा है और धरती फट रही है इसलिए हम सब भाग रहे हैं।” ओह्ह गोपी ने भागते हुए भालू से पूछा, आप सब कहाँ भाग रहे हैं!!! भालू ने भी इस बारे में सटीक उत्तर नहीं दिया और अन्य जानवरों की ओर इशारा कर दिया।  घूम-फिरकर अंत में बात मोनू खरगोश पर आकर रुकी।  मोनू खरगोश से  गोपी सियार ने पूछा “आपको कैसे पता चला कि धरती फट रही है आसमान गिर रहा है!” मोनू ने जवाब दिया – “जब मैं नारियल के पेड़ के नीचे सो रहा था तब मैंने ऊपर से आसमान गिरने की आवाज सुनी और मुझे लगा धरती फट रही है।” मोनू यह बात सुनते ही समझ गया कि आखिर माजरा क्या है।  वो सभी जानवरों को लेकर उस नारियल के पेड़ के नीचे जा पहुंचा।  पेड़ के नीचे नारियल के फल गिरे हुए थे।  गोपी ने मोनू के साथ सभी जानवर को समझाते हुए कहा कि कोई आसमान नहीं गिर रहा ! कोई धरती नहीं फट रही ! नारियल गिरने पर मोनू डर  गया, उसे लगा कि  आसमान गिर रहा है और नारियल गिरने की आवाज उसके कानों में ऐसी पड़ी कि उसे लगने लगा धरती फटने वाली है।  बिना किसी पुष्टि के वह अनजाने में डरता हुआ आप सबको साथ में लेकर भागने लगा।

जब सब जानवरों ने यह बात सुनी तो सब ठहाका मारकर मोनू पर और खुद पर हंसने लगे, सभी को अपनी गलती का एहसास हो रहा था।  सबने गोपी सियार का धन्यवाद किया और अपने-अपने काम में लग गए।
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दोस्तों इस कहानी की तरह ही हम सब भी अफवाहों से घिरे पड़े हैं।
आज सोशल मीडिया का जमाना है, हर किसी के फ़ोन में व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर जैसे ऐप इन्सटाल्ड हैं। हमारे फ़ोन पर कोई सन्देश आता है, हम बिना उस सन्देश की पुष्टि किये उसे आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। उसे दूसरे लोगों के साथ साझा करते हैं, बिना यह सोचे कि एक गलत मैसेज से या बिना पुष्टि किया गया एक गलत सन्देश हमारे देश में दंगे करवा सकता है, लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़का सकता है, एक दूसरे के प्रति नफरत पैदा कर सकता है। हमारे द्वारा शेयर किये गए एक गलत मैसेज से या अफवाह को साझा करने से सब तरफ पैनिक सिचुएशन क्रिएट हो सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा सब तरफ खुशियां बांटिए, अफवाहों से दूर रहिए। आज हमारे पास डिजिटल शक्ति है, हम इसका कैसे इस्तेमाल करते हैं और क्या-क्या कर सकते हैं आप जानते ही होंगे लेकिन इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करना, गलत जानकारी लोगों तक पहुँचाना, बिना संदेशों की सही पुष्टि के उसे आगे फॉरवर्ड करना बहुत हद तक नुकसानदेह हो सकता है। जिस प्रकार मोनू खरगोश से बात करके अफवाह को दूर किया गया है, हम उसी प्रकार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे अफवाहों को दूर नहीं कर सकते क्योंकि १३० करोड़ की आबादी वाले देश में अफवाह बहुत तेजी से स्प्रेड होता है और अफवाह कहाँ से फैला है उस तक पहुँच पाना सभी के लिए एक बड़ा चैलेन्ज हो सकता है इसलिए कृपया अफवाहों से दूर रहें। पैनिक सिचुएशन पैदा करने वाले संदेशों को फॉरवर्ड मत करें, ज्यादा से ज्यादा खुशियां बाँटें और खुश रहें। Share Happiness not Rumors…

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बहुत-बहुत धन्यवाद 🙂
किरण साहू

 

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