श्रीकृष्ण वचन जो बदल देंगी आपकी जिंदगी
श्रीकृष्ण के सुविचार : 01. वाकई जीवन में कुछ रस, कुछ मस्ती व कुछ ध्येय तो होने ही चाहिए ; वरना मनुष्य और जानवर के जीवन में फर्क क्या रह जाएगा?
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 02. अरे…! इतनी जल्दी हताश हो गए? तुम तो पक्के कर्मवीर हो? हार कहाँ मानने लगे? डटकर खड़े हो जाओ। चैतन्य जगाओ। तुम तो वो हो जिसनें कालिया के फन पर नृत्य किया था। हारने से पहले हारना व मरने से पहले मरना, तुम्हारी फितरत में नहीं। तुम्हारे लिए तो हर संघर्ष एक खेल है। तैयार हो जाओ इस खेल के लिए भी।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 03. मेरा तो हमेशा से मानना था कि जैसे कठिन-से-कठिन पहाड़ों पर चढ़ने के लिए भी एक मार्ग आवश्यक होता है, जैसे घने-से-घने जंगलों को पार करने के लिए भी एक रास्ता तो खोजा ही जा सकता है ; ठीक वैसे ही हर समस्या से निपटने के लिए भी एक-न-एक मार्ग तो ढूंढा ही जा सकता है।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 04. हमारे पहुँचते ही हंगामा खड़ा हो गया। कुछ लोगों ने स्वागत के स्वर उच्चारे तो कुछेक ने धिक्कारते हुए नारेबाजी की। और यही मेरे अद्भुत व्यक्तित्व का सबसे बड़ा सबूत था – या तो मनुष्य मुझसे प्रेम कर सकता था या मुझसे नफरत कर सकता था, लेकिन तटस्थ कतई नहीं रह सकता था।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 05. मैं अब तक के जीवन से इतना तो अच्छे से जान गया था कि सफलता के लिए सवाल अच्छे-बुरे या पाप-पुण्य का है ही नहीं ; असली सवाल तो एक और अनेक का है। एक इच्छा तुम्हें मंजिल तक पहुंचा देती है जबकि इसके विपरीत अनेक इच्छाएं मनुष्य को भटका देती हैं।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 06. यदि कुदरत यह सोचती है कि वैभव सिर्फ उन्हें मिलेगा जिनको वह चाहती है तो मैं कुदरत का भ्रम तोड़ दूंगा। मैं, हर व्यक्ति कैसे वैभवशाली हो सकता है… वह कला अवश्य खोजूंगा। यही क्यों, अपनी बात सिद्ध करने के लिए एक दिन मैं स्वयं कुदरत को वैभव की परम ऊंचाई पर बैठकर दिखाऊंगा।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 07. जीवन में जो कुछ भी मैंने श्रेष्ठ पाया है उसमें शत्रुओं का बड़ा सहयोग रहा है। फिर इस संसार में शत्रु बचा कौन? ऐसे में इस संसार में किसे शत्रु मानना? … शायद किसी को भी नहीं।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 08. हमें दूसरों से वही कार्य करने को कहना चाहिए जो हमने कभी किया हो या करते हों, या फिर करने की क्षमता रखते हों।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 09. इच्छाएं पूरी होना न होना या संकटों का आना-जाना यह सब तो जीवन के उस खेल का एक हिस्सा है जिससे यह जीवन बना है। अतः जब तक सांस चल रही है जीवन का यह खेल तो जारी ही रहेगा।
– श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण के सुविचार : 10. यदि कोई संकट का समाधान नजर न आए तो डटकर उसका मुकाबला किया जा सकता है। परन्तु जिस समस्या का कोई समाधान ही न हो तब तो समझदारी इसी में है कि उसे प्रकृति के न्याय पर छोड़कर तत्काल चिंता-मुक्त हो लिया जाए।
– श्रीकृष्ण
जय श्रीकृष्ण
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धन्यवाद 🙂
nice anmol vachan
nice suvichar bhai bhut shandaar
Bahut achchhi post likhi. Hame bahut achchhi lagi.
Nyc bro
बहुत अच्छी सीख मिली …..ऐसे ही मार्गदर्शन करतें रहें.
very nice sir ji