जो चाहिए, वो बाँटना सीखिये।
Friends, हमारी Life एक बूमरैंग की तरह होती है। Actually हम जो भी Words दूसरों के लिए use करते हैं, वो एकदिन घूमकर हमारे पास आता ही है। हम जो भी इस दुनिया को देते हैं, एक दिन वह कई गुना होकर हमारे पास लौट आता है। इसलिए हमें सबके साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए, वैसी ही नरमी बरतनी चाहिए, जैसा हम खुद के लिए उम्मीद करते हैं।
जीवन का सबसे बड़ा सिद्धांत यही है, कि आप जो बोयेंगे, एकदिन वही आपको काटना पड़ेगा। जो भी चीजें आप अपने लिए सबसे ज्यादा चाहते हैं, उसे सबसे ज्यादा बाँटिये। यदि आप दूसरों से सम्मान पाना चाहते हैं, तो आपको दिल खोलकर दूसरों का सम्मान करना होगा। लेकिन यदि आप दूसरों का तिरस्कार करेंगे तो बदले में आपको भी वही मिलेगा।
यदि आप चाहते हैं कि मुश्किल परिस्थितियों में दूसरे आपका साथ दें, तो आप उनकी मुश्किलों में उनके साथ खड़े रहिये। यदि आप प्रशंसा करेंगे, तो वही आपको मिलेगा। यही तो जीने का नियम है, लेकिन बड़ी दुःख की बात है कि ज्यादातर लोग इसे अमल में नहीं ला पाते।
इसे एक छोटी-सी कहानी से समझने का प्रयास करते हैं-
एक माँ, अपने नन्हें पुत्र की साथ पर्वत की चढ़ाई कर रही थी, अचानक पुत्र का पैर फिसल गया और वो गिर पड़ा। चोट लगते ही वो जोर से चिल्लाया- आह… ह.ह.ह.ह…..माँ.…। पुत्र चौंक पड़ा क्योंकि पहाड़ से ठीक वैसी ही आवाज लौटकर आई।
अचम्भा से उसने प्रश्न किया- कौन हो तुम?
पहाड़ों से फिर से आवाज आई- कौन हो तुम?
पुत्र चिल्लाया- मैं तुम्हारा मित्र हूँ!
आवाज आई- मैं तुम्हारा मित्र हूँ!
किसी को सामने न पाते हुए पुत्र गुस्से से चिल्लाया- तुम डरपोंक हो!
आवाज लौटी- तुम डरपोंक हो!
पुत्र आश्चर्य में पड़ गया, उसने अपनी माँ से पूछा- ये क्या हो रहा है?
वो जोर से चिल्लाई- तुम एक चैम्पियन हो, और एक अच्छे बेटे!
पहाड़ों से आवाज लौटी- तुम एक चैम्पियन हो, और एक अच्छे बेटे!
उन्होंने दोबारा चिल्लाया- हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।
आवाज लौटी- हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं।
बच्चा ने दोबारा वही पुछा- ये क्या हो रहा है?
तभी माँ ने उसे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ पढ़ते हुए कहा- बेटा, आम शब्दों में लोग इसे इको कहते हैं लेकिन असल में यही जिंदगी है। जिंदगी में आपको जो कुछ भी मिलता है, वो आपका ही कहा या फिर किया हुआ होता है। जिंदगी तो सिर्फ हमारे कार्यों का आईना होती है।
यदि हमें अपनी टीम से श्रेष्ठता की उम्मीद रखना है, तो हमें खुद में श्रेष्ठता लाना होगा। यदि हम दूसरों से प्यार की उम्मीद करते हैं, तो हमें दूसरों से दिल खोलकर प्यार करना होगा। आखिर में, जिंदगी हमें हर वो चीज लौटाती है, जो हमने दिया है।
बच्चा माँ की बातें बड़े प्यार से सुन रहा था और उसने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ भी आज पढ़ लिया।
“जीतने का सबसे सरल रास्ता है कि आप दूसरों को उनकी जीत में मदद करें।
यदि आप जीतना चाहते हैं, तो दूसरों की सफलता के हितैषी बनिए।
यदि आप प्यार पाना चाहते हैं, तो प्यार बाँटिये।
जो आप देंगे वो कई गुना लौटकर आपके पास आएगा।”
-डेल कारनेगी।
दोस्तों, हम Successful बनने के लिए अलग-अलग Field में Race लगा रहे हैं। लेकिन किसी भी Field में Successful होने के लिए ये बहुत ही Important है, कि लोग हमें पसंद करें, क्योंकि लोग जिन्हें पसंद करते हैं उन्हीं के साथ वो काम करना चाहते हैं। इसके लिए कि हम दूसरों के लिए अपना सारा समय दें या फिर उनके लिए जान लूटा दें। इसके लिए तो बस हमारा Behavior बढ़िया होना चाहिए। किसी की प्रशंसा या किसी के लिए ख़ुशी जाहिर करने के पहले हमें एक बार भी सोचना न पड़े लेकिन किसी चीज पर गलत Comment देने, गुस्सा करने, चिड़चिड़ाने से पहले दस बार सोचें। बिना आवश्यकता के तर्क-कुतर्क करना, वाद -विवाद में पड़ना, खुद के लिए और दूसरों के लिए भी बहुत गलत है। इसलिए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होकर आगे बढ़िए, मुस्कुराईये, प्यार दीजिये, प्रशंसा कीजिये और बस आगे बढ़ते चले जाइए।
मुझे लगता है, कि लोग उन्हीं लोगों के साथ रहना, काम करना और अपने सीक्रेट शेयर करना पसंद करते हैं जो खुद को आपके साथ थोड़ा बेहतर महसूस करते हैं। यदि सामने वाला आपके साथ अच्छा Time spend करके खुश होगा, तो आपको बदले में उससे वही मिलेगा। इससे आपके प्रशंसक भी बढ़ेंगे और आवश्यकता पड़ने पर आपके काम भी आएंगे। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आप अपना दिल भी बड़ा रखें ताकि यदि आपसे कभी कोई गलती हो जाये तो आप उस गलती को स्वीकारने का साहस कर सकें, माफ़ी मांगने में आपको झिझक महसूस न हो और यदि दूसरे, आपको किसी कारण ठेस पहुंचा दें तो आप उन्हें माफ़ करने का साहस कर सकें।
Friends, इन बातों को गांठ बांध लीजिये-
१. जिंदगी में आप जो कुछ भी पाना चाहते हैं, वही बांटना सीखिये।
२. आज से जितना हो सके प्यार, प्रशंसा, सम्मान, ख़ुशी, क्षमा, ज्ञान बांटना शुरू कीजये। आप देखेंगे कि लोकप्रियता का ग्राफ कितनी तेजी से आगे बढ़ता चला जायेगा। क्योंकि बदले में ये सब हजार गुना लौटकर आपके पास आएगा।
३. यदि आपके साथ कोई रहना नहीं चाहता, कोई आपसे बुरा व्यवहार कर रहा है, आपका अपमान कर रहा है तो आप दूसरों पर दोष थोपने का साहस नहीं कर सकते क्योंकि ये आपके करनी का ही फल है। क्योंकि आप जैसा बीज बोयेंगे वैसा ही फल काटेंगे।
४. असफलता का श्रेय आप अपने रूखे व्यवहार को भी दे सकते हैं।
धन्यवाद!