सेहत के बहानों से बचने के 4 आसान तरीके

 

दोस्तों, किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी सफलता यह है कि “वह स्वस्थ है…” हेल्थ से बड़ी सफलता शायद ही कहीं होगी, लेकिन हम सब कोई दूसरी सफलता पाने के लिए अपने हेल्थी लाइफ को असफ़लता असफ़लता की तरफ झोंक देते हैं, और किसी बिमारी का रोना रोते हुए आजीवन कुछ नहीं करने का निर्णय लिए घर पर बैठे रहते हैं… सेहत के सम्बन्ध में लोग बहुत सारे बहानों का सहारा लेते हैं, और वो अपनी असफ़लता का एक बड़ा कारण अपने बीमार शरीर को देते हैं… आइये इस पोस्ट में इन चार असरदार तरीकों के बारे में जानते हैं जो आपको सेहत के बहानासाईटिस से बचा सकता है…

 

  • बार-बार अपनी सेहत का रोना न रोयें– अपनी सेहत के बारे में बात न करें. आप जब भी किसी बिमारी के बारे में ज्यादा बात करते हैं या खुद को यह याद दिलाते रहते हैं कि आपको फलां बिमारी है तो आपको न चाहते हुए भी वह बीमारी निगल जायेगी. आप किसी बिमारी के बारे में जितनी ज्यादा बात करेंगे चाहे वह साधारण सी सर्दी ही क्यों न हो, वह बिमारी उतनी ही बढती चली जाएगी…

याद रखिये बुरी सेहत के बारे में लगातार जिक्र करना काँटों को पानी देने के समान है. अपने सेहत के बारे में लगातार बात करना एक बहुत ही बुरी आदत है, इससे सामने वाला आपसे पक जाएगा मतलब वह बुरी तरह से बोर हो जाएगा. और इससे सामने वाला आपको बुढ़िया की तरह बातें करने वाला समझ सकता है.

यदि आप अपने क्षेत्र में सफलता की चाहत रखते हैं, सफल होना चाहते हैं तो सेहत का रोना मत रोइए. क्योंकि सफलता की चाह रखने वाला व्यक्ति कभी भी अपनी बिमारी या सेहत के बारे में चिंता नहीं करता.

आपको अपने बीमारी के बारे में रोना रोते रहने से थोड़ी बहुत सहानुभूति तो मिल सकती है लेकिन जो व्यक्ति हमेशा शिकायत करता है उसे कभी भी किसी का सम्मान, आदर या वफादारी कभी भी नहीं मिल सकती… इसलिए अपनी बुरी सेहत को लेकर परेशान न हों और बार-बार उसी चीज को पकड़कर मत बैठे रहो, पूरे ताकत और जोश के साथ अपने काम में जुट जाओ और देखते ही देखते आपको अपने बिमारी से भी छुटकारा मिल जायेगी…

 

  • चिंता करना बेवकूफी है– आप चिंता करके अपने अन्दर वो बीमारी पैदा करते हैं जो असल में आपके अन्दर है ही नहीं!

वाल्टर अल्वरेज विश्वप्रसिद्ध मेयो क्लिनिक में एमेरिटस कन्सल्टेंट हैं. उन्होंने लिखा है, “मैं हमेशा फिजूल की चिंता करने वालों को ऐसा न करने की सलाह देता हूँ..”

एक व्यक्ति जिसे पूरा विश्वास था कि उसका गाल ब्लैडर ख़राब है, हांलाकि उसने अपना गाल ब्लैडर अलग-अलग आठ से ज्यादा क्लीनिकों में एक्स-रे कराकर देखा था और सबमें उसका गाल ब्लैडर पूरी तरह से सही दिख रहा था और सभी डॉक्टर्स का यह कहना था कि यह सिर्फ उसके मन का वहम मात्र है. दरअसल उसे कोई बीमारी नही है..  बहुत से लोग बार-बार जबरन ई.सी.जी. कराते हैं और वे अपने सेहत के बारे में फ़ालतू की चिंता करते हैं… इस चिंता से जो नहीं होना चाहिए वह उनके साथ हो जाता है… मतलब यदि आप बार-बार एक ही चीज को पकड़कर चिंता करते रहेंगे तो वह सही तरीके से आपके साथ घटित हो जायेगी और आपके अन्दर वही बीमारी पैदा हो जायेगी इसलिए अपने हेल्थ को लेकर बेफिक्र रहें, क्योंकि चिंता करना सबसे बड़ी बेवकूफी है…

 

  • आपकी सेहत के लिए कृतज्ञ हों– एक पुरानी कहावत है, “मैं अपने फटे हुए जूतों को लेकर दुखी हो रहा था परन्तु जब मैंने बिना पैरों वाले आदमी को देखा तो मुझे ऊपरवाले से कोई शिकायत नहीं रही, इसके बजाये मैं कृतज्ञ हो चला..”

इस बात के बारे में शिकायत करते रहने से की आपकी सेहत में क्या अच्छा “नहीं है” आपको इस बारे में खुश और कृतज्ञ होना चाहिए कि आपकी सेहत में क्या “अच्छा” है … अगर आप कृतज्ञ होंगे तो आप बहुत सारी भयंकर बीमारियों से बचे रहेंगे.  इसलिए आपकी सेहत अभी कैसी भी हो उसके लिए कृतज्ञ होना सीखिये… और आप पायेंगे कि आप बहुत स्वस्थ हैं ..

 

  • हर दिन खुलकर जीयें– स्वयं को यह एक लाईन हमेशा याद दिलाते रहें – “जंग लगने से बेहतर है घिस जाना” आपको एक जीवन मिला है इसलिए दिल खोलकर खुश होते हुए जीयें. इसे बर्बाद न करें, जिन्दगी को खुलकर जीने के बजाये अगर आप सिर्फ चिंता करते रहेंगे तो जल्दी ही आप अस्पताल में भर्ती नजर आ सकते हैं… इसलिए दुखी होकर रोते रहने की बजाय खुलकर जीना सीखिये क्योंकि आपकी सेहत ही आपकी सबसे बड़ी सफलता है…और आपकी सेहत एकदम ठीक है…

 

धन्यवाद !

 

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