सीखने को तैयार रहने की सीख देती एक प्रेरणादायक हिंदी कहानी
एक बार गौतम बुद्ध के पास एक शिष्य आया और उसने बुद्ध से कहा, कृपया आप मुझे अपना शिष्य बना लें। मैं आपसे बहुत सारी ज्ञान की बातें अर्जित करना चाहता हूँ। मैं आपसे बहुत-सी ऐसी बातें सीखना चाहता हूँ जिससे मेरी जिंदगी भी आपकी तरह बन सके। कृपया मुझे शिक्षा दीजिये। बुद्ध ने उस व्यक्ति को देखा और कहा- बेटे! यदि तुम मुझसे शिक्षा ग्रहण करना चाहते हो, कुछ भी सीखना चाहते हो तो दस दिन बाद वापिस आना।
वह व्यक्ति वहां से लौट गया और दस दिन वापिस आकर उसने बुद्ध से यही बात दोहराई की उसे उनसे सीखना है। इस बार भी बुद्ध का यही जवाब था की यदि सीखना है तो दस दिन बाद आओ।
यही क्रम कई महीनों तक चलता रहा, आख़िरकार इस बार शिष्य ने गौतम बुद्ध से पूछ ही लिया- “आप मुझे हमेशा ऐसे टालते ही क्यों रहते हैं?” कृपया मुझे शिक्षा दें। ”
इस पर बुद्ध ने उस व्यक्ति से कहा- बेटे! जाओ एक गिलास पानी लेकर आओ। वह व्यक्ति उनके कहे अनुसार उनके लिए एक गिलास पानी लेकर आ गया। बुद्ध ने उसे फिर से कहा- इसके अलावा एक गिलास पानी और लेकर आओ। वह उनके कहे अनुसार फिर से एक गिलास पानी ले आया।
अब बुद्ध ने कहा- इस एक गिलास का पानी दुसरे गिलास में डाल दो।
वह व्यक्ति बोला- महाराज! यदि मैंने ऐसा किया तो पहले गिलास का पानी पूरी तरह से बिखर जाएगा लेकिन समाएगा नहीं।
बुद्ध ने समझाते हुए अब उस व्यक्ति से कहा- बेटे! यही तो मेरा जवाब है। तुम सीखने के लिए तैयार नहीं हो, पहले से ही तुम्हारे अन्दर इतने सारे पूर्वाग्रहों के ज्ञान से भरे हुए हो और उन्हें शाश्वत मानते हो। ऐसे में तुम नई चीज़ कैसे सिख सकते हो ? यदि तुम्हें कुछ नई बातें सीखनी है तो इस बात का तुम्हें त्याग करना होगा की तुम एक ज्ञानी हो। यदि तुम खुद से यह कहते रहोगे की तुम्हें हर एक बात का ज्ञान है तो तुम कभी भी कुछ सीख नहीं सकते हो। इसलिए एक गिलास पानी को पहले खाली करो तभी जब तुम उसमें दुसरे गिलास का पानी डालोगे तब वह उसमें समाएगा। इसलिए अपने दिमाग को खाली करो, खुद के पुराने विचारों को खाली करो क्योंकि सीखने के लिए तुम्हें पूर्वाग्रह छोड़ना होगा।”
वह व्यक्ति बुद्ध की बातें समझ गया और उसनें एक गिलास पानी को खाली कर उसमें ज्ञान की बातें अर्जित करने की सोची।
“A mind is like a parachute. It doesn’t work if it is not open.” हम लोगों का दिमाग पैरेशूट की तरह रहता है जब तक वह खुलता नहीं तब तक वह किसी काम नहीं उसी तरह हमारा दिमाग खुलने पर ही काम करेगा या कहें तो यदि हमें इसमें नई-नई बातें सीखनी है तो हमें अपना दिमाग पहले खाली करना होगा ।
धन्यवाद !
अपने मन को पूर्वाग्रहों से मुक्त कर के ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है | प्रेरणादायक कहानी
Buddha ke updesh sada se prerna dayak hi
Mann ko kabu karna, kisi jangli janwar ko kabu karne se jyada kathin kaam hai.
बिलकुल सत्य बात है कुछ न्य सिखने के लिए पुराना भूलना पड़ता है।
Bahut hi achhi kahani hai ji, aapka 20 days ho gaya naya post kaise nhi daal rahe hain… hum wait kar rhe hain apke naye post ka… thanks
Faithful story ilike story
एक प्रेरणादायक लेख धन्यवाद सर
Very nice
nice
Free mind get fresh mind