जॉब और बिजनेस में अंतर Job vs Business in Hindi

Job vs Business in Hindi जॉब और बिजनेस में अंतर

जॉब/बिजनेस/सेल्फ एम्पलॉयीड/इन्वेस्टर

हम काम को चार तरह से बाँट सकते हैं या कह सकते हैं कि दुनिया में चार टाइप के लोग होते हैं।

Employee

Self Employee

Business

Investor

 

आज हम यह समझने का प्रयास करते हैं कि जॉब और बिजनेस में किस प्रकार का अंतर होता है।

EMPLOYEE – जॉब

इस दुनिया में सबसे ज्यादा लोग इस संख्या में आते हैं। बचपन से लोगों का Mindset होता कि कोई अच्छी जॉब मिल जाए, अच्छी सैलेरी हो, और वे अपनी लाइफ से खुश रहें। जॉब की सिक्यूरिटी के बारे में बचपन से हमारे अन्दर बहुत सारी बातें फीड की जाती हैं, हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। एक व्यक्ति अपनी आधी जिंदगी पढाई करते हुए, प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते हुए बिताता है, ताकि उसे कहीं अच्छी जॉब मिल सके। बचपन से ही हमें खूब पढ़ने के लिए कहा जाता है ताकि हमें एक बेहतर नौकरी मिल सके, और हम खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। हमारा एजुकेशन सिस्टम भी हमें एक नौकर की जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करता है। जॉब एक ऐसा काम है जिसे आप न चाहते हुए भी किसी के लिए करते हैं, बस एक Pay Check की लालच में कि महीने के अंत में आपको एक सैलेरी मिलेगी जिससे आप अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। कुल मिलाकर जॉब करने वाले महीने की सैलेरी का वेट करते हुए न चाहते हुए भी काम पर जाते हैं, सैलेरी, पेंशन, इन्स्योरेन्स, और सुरक्षा पर ही उनका ध्यान होता है।

SELF EMPLOYEE – जॉब 

ये ऐसे लोग होते हैं, जो किसी के Under में काम नहीं करते, उनका कोई बॉस नहीं होता और वे खुद को ही अपना बॉस समझते हैं। वे दुसरे की जॉब नहीं करते लेकिन खुद के लिए एक जॉब ही क्रियेट किये रहते हैं। एक सेल्फ एम्प्लोयी अपने मन में एक बड़ी गलती पाले रहता है कि वह बिजनेस कर रहा है लेकिन Business & Self Employee में बहुत अंतर होता है। उदाहरण के लिए, राहुल नाम का एक व्यक्ति किसी Software Company में काम करता है, अब उसे लगने लगता है कि वो दुसरे की जॉब नहीं करेगा, जब वह उस काम में माहिर है तो क्यों न वह खुद ही वह काम शुरू करेगा। वह जॉब छोड़ देता है, घर पर ही अपना सेटअप लगाकर दूसरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाता है और उसे लगने लगता है कि वह जॉब छोड़कर बिजनेस कर रहा है। जबकि वह जॉब छोड़कर, एक जॉब ही कर रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि वह दुसरे के लिए काम नहीं कर रहा। राहुल अपना सारा काम खुद ही करना पसंद करता है क्योंकि उसे लगता है कि वो खुद ही सब काम बेहतर तरीके से कर सकता है, वह दूसरों पर भरोसा नहीं करता, हर काम खुद ही करना चाहता है और खुद को एक बिजनेसमैन कहता हुआ, अपने ग्राहकों में उलझा रहता है, जब सब लोग छुट्टियाँ मना रहे होते हैं तब राहुल अपने ग्राहकों को सर्विस दे रहा होता है। Self Employee का माइंड सेट इसी तरह से काम करता है। वो खुद को एक बिजनेसमैन कहता है, लेकिन वह एक तरह के जॉब में ही रहता है, फर्क सिर्फ इतना है कि वह अपने हिसाब से काम करता है, और जिस दिन वह काम करना बंद करता देता है उस दिन पैसे आने भी बंद हो जाते हैं। Self Employee और जॉब करने वालों के साथ Same होता है, वे जिस दिन काम नहीं करते या जॉब पर नहीं जाते, उनकी सैलेरी से पैसे काट लिए जाते हैं  या उस दिन उन्हें पैसा नहीं मिलता।

Business – बिजनेस

बिजनेस वह है जिसमें हम खुद को उस काम से बाहर निकाल लेते हैं, मतलब हमें काम में Involve होना नहीं पड़ता। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने बिजनेस मॉडल और काम करने के तरीकों पर गौर करें। हमें अपनी मेहनत से एक बार ऐसा स्टार्टअप तैयार करना होता है, उसके बाद आपकी टीम आपके लिए काम करती है और आप सिर्फ मैनेजमेंट का काम देखते हैं या पूरी तरह से निश्चिंत रहते हैं। बिजनेस का मतलब है कि हम ऐसे टैलेंटेड लोग hire करें जो हमारे लिए काम करें और हमें खुद उस काम में एक्टिव न रहना पड़े। बिजनेस वह है जिसमें आपकी अनुपस्थिति में भी आपका काम पहले से बेहतर होता जाता है। आपको अपने काम की चिंता नहीं रहती, यदि आप 1 साल की छुट्टी पर भी रहते हैं फिर भी आपके काम पर कोई असर नहीं होता, सब बेहतर ढंग से होते जाता है। हमें खुद से एक प्रश्न करना चाहिए कि यदि हम किसी लम्बी छुट्टी पर जाते हैं और हमें लगता है कि इससे बड़ा नुकसान हो सकता है तब हम एक बिजनेस Owner बिलकुल भी नहीं हैं, बल्कि हम एक Self Employee हैं। एक बिजनेस ओनर अपने काम को ऐसे सेटअप करता है कि जब वह लम्बी छुट्टी पर जाए, फिर भी उसे अपने काम की चिंता न हो और उसकी अनुपस्थिति में भी चीजें बेहतर ढंग से काम करती जाएं।

 

INVESTOR – इन्वेस्टर

जब आदमी के पास ज्यादा पैसे होने लगते हैं तब वह उसे किसी अच्छी स्टार्टअप या कम्पनी में इन्वेस्ट करने की सोचता है ताकि उसका पैसा, स्टार्टअप की प्रॉफिट के साथ बढ़ता जाए। इन्वेस्टर अपने पैसों का सही इस्तेमाल करता है और देखता है कि भविष्य में कौन सी कम्पनी आगे जा सकती हैं और दूसरों के बिजनेस को Analysis करके वे अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं जिससे समय के साथ उनका पैसा बढ़ता जाता है।

 

दोस्तों बहुत सारे लोग आज जॉब के पीछे भाग रहे हैं, कई लोग खुद का काम शुरू कर रहे हैं और बहुत सारे लोग बिजनेस फील्ड में भी आगे बढ़ रहे हैं और अच्छे लोगों को hire करके उनसे काम करा रहे हैं।

हमने इस पोस्ट में जॉब और बिजनेस के बीच के अंतर को बताने का प्रयास किया है, हम जल्दी ही इस टॉपिक को और भी विस्तार के साथ आपके सामने पेश करेंगे।

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