कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।
जब सब तरफ से मुसीबतें टूट पड़ती हैं और हमें लगता है कि अब मुश्किलों से पार पाना संभव नहीं तब हमारा मन बार-बार Quit करने की तरफ ही जाता है। जरूरी नहीं कि हमें हर बार सफलता मिले, ठोकरें भी हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं। जब तक ठोकर नहीं खाएँगे, तब तक हम संभलेंगे नहीं। सफल लोग लाइफ में बार-बार गिरते हैं, लेकिन वे हमेशा कोशिश करते रहते हैं। एक जीतने वाला व्यक्ति भले ही लाख मुसीबतों से घिरा हुआ क्यों न हो, उसने कितनी भी चोटें क्यों न खाई हो लेकिन वो कभी भी पीठ दिखाकर मैदान नहीं छोड़ता।
हर किसी की लाइफ में उसे एक बार ठोकर खानी ही पड़ती है, कोई व्यक्ति बिना असफल हुए कभी सफल नहीं हुआ है, वह अपनी लाइफ में एक न एक बार हारा होगा, हर बार जीतना संभव नहीं है लेकिन हर बार कोशिश करना आपके हाथ में है। ठोकर खाने का मतलब जिंदगी में असफल होना नहीं बल्कि खुद को मजबूत बनाना है, यह हमें सिखाता है कि हम एक-एक स्टेप लेकर कैसे सफल हो सकते हैं।
कोई व्यक्ति अपनी लाइफ में अपने टैलेंट की कमी से नहीं बल्कि कोशिश बंद कर देने की वजह से फेल होता है और ज्यादातर लोग सफलता के आखिरी पड़ाव पर हार मान लेते हैं, और कोशिश नहीं करते। संघर्ष हमारी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा है, एक तितली भी अपने कोकून से बाहर आने के लिए बहुत संघर्ष करती है यदि वह कोकून से निकलने के लिए प्रयास करना छोड़ दे और अपने संघर्ष से हार मानकर घबरा जाए तो वह जिंदा ही नहीं बचेगी।
हमारी लाइफ इसलिए बेहतर नहीं हो पाती क्योंकि हम सिर्फ प्लान बनाने में आगे और कोशिश करने में पीछे रह जाते हैं। याद रखिए आपकी सफलता आपके प्रयास पर, आपके किये गये कोशिश पर निर्भर करती है। कोशिश बंद करना, अपने सफलता के दरवाजे को बंद करने के समान है।
Image Credit : pixabay.com
सोहनलाल द्विवेदी जी द्वारा लिखी कविता “कोशिश करने वालों की हार नहीं होती” हमें अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा करने की हिम्मत देती है और इसे पढ़कर हमारे अन्दर इतनी ताकत आ जाती है कि हम एक नई शुरुआत करें और अपनी कोशिशें जारी रखें।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा-जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
कृपया इस लेख पर अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से हम तक पहुंचाएं अथवा हमें [email protected] पर मेल करें।
धन्यवाद 🙂
Bohot achhi post hai sir…. Aur kavita bhi bohot preranadayak hai ji… Aap aise hi apni life bulandiyon ko chhute hai… Aur safal hote jaye…
Bahut achhi post sir,mai hr din apki post pdhta Hun aur daily new post ka wait karta h,Aapki hr post ko pdhkr nyi urja aa jati hain…thank you sir…