एक 8 साल का बच्चा एक पिल्ला खरीदने के लिए जानवरों की दुकान पर गया. जब वह दुकान के अंदर घुसा उसने देखा कि चार पिल्ले एक बड़े से टेबल पर बैठे हैं और टेबल के नीचे 60 डालर एक पिल्ले का रेट है.. ऐसा लिखा है… लेकिन उसकी नजर कोने में बैठे एक और पिल्ले पर पड़ी जो डरा सहमा प्रतीत हो रहा था.. उस बच्चे ने दुकानदार से पूछा- अंकल वह पिल्ला कोने में अकेला क्यों बैठा है और इन पिल्लों के साथ क्यों नहीं है, क्या वो बिकाऊ नही है? दुकानदार ने कहा- बेटा वो पिल्ला इन्ही में से एक तो है पर अपाहीज है और बिकाऊ नही! उसमे क्या कमी है, क्या आप उसे नही बेचेंगे?- बच्चे ने पूछा.. जन्म से ही इस पिल्ले की एक टांग खराब है और वह ठीक से नही चल सकता, इस कारण इसे कोई खरीदना भी नही चाहता..दुकानदार ने कहा..
अंकल, तो फिर आप इस पिल्ले के साथ क्या करेंगे? बच्चे ने पूछा.. करना क्या है बेटा इसे हम हमेशा के लिए सुला देंगे.. दुकानदार ने कहा..
क्या मैं इस बच्चे के साथ थोड़ी देर रह सकता हूँ, यदि आपकी इजाजत हो तो इसके साथ खेल सकता हूँ, बच्चे ने पूछा..
हाँ क्यों नही, बिलकुल खेल सकते हो.. दुकानदार ने जवाब में कहा..
बच्चे ने पिल्ले को अपनी गोद में उठाया, शायद अब पिल्ले को अकेला महसूस नही हो रहा था, पिल्ला बच्चे के गाल को चाटने लगा.. अब बच्चे ने फैसला कर लिया कि वो उस पिल्ले को खरीदेगा और उसने ये बात दुकानदार से कही.. अरे! नही ये पिल्ला बिकाऊ नही है, पहले भी बता चूका हूँ- दुकानदार ने कहा.. मगर बच्चा मानने वाला नही था और उसने अपनी जिद जारी रखी..
बच्चे की जिद के सामने दुकानदार ने हामी भर दी.. बच्चे ने फ़ौरन जेब से 10 डालर निकले और दुकानदार को दिया, और बाकी के पचास डालर लेने के लिए वह अपने पेरेंट्स के पास दौड़ा.. अभी वह दरवाजे के पास पहुचने ही वाला था कि दूकानदार ने जोर से कहा- बेटा मुझे समझ नही आ रहा तुम इस पिल्ले के लिए इतने डालर क्यों बर्बाद करने जा रहे हो, जबकि इतने ही डालर में तुम एक अच्छा पिल्ला यहाँ से ले जा सकते हो..? बच्चे ने कुछ नही कहा, उसने बस अपने बाएं पैर से पैंट उठाई, उस पाँव में उसने ब्रेस (Brace) पहन रखी हुई थी.. दुकानदार ने कहा अब मुझे समझ आ गया कि तुम इस पिल्ले के लिए इतनी जिद क्यों कर रहे थे, तुम इस पिल्ले को ले जा सकते.. भगवान आज समझ आया कि दूसरों के भावनाओं की कदर करना, दूसरों की भावनाओं को भी समझना कितना जरूरी है.. दुकानदार ने ऊपर नजर करते हुए धीमे आवाज में कहा..
मित्रों यह कहानी हमें बहुत बड़ी सीख दे जाती है जो व्यवहार हम खुद के लिए पसंद नही करते उसे हम दूसरों के लिए उपयोग में क्यों लाते हैं.. शायद हर कोई उस छोटे बच्चे की तरह ये बात समझे और अपने गलत व्यवहार से किसी का दिल दुखाने के बजाये हमदर्द बनने का प्रयास करें…