इन 6 बातों को समझ जाएँ सफलता कदम चूमेगी

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अपनी लाइफ में एक क्लियर गोल सेट कीजिए

हम लोगों को पता ही नहीं होता कि हमें एक क्लियर गोल कैसे सेट करनी है। अगर मैं आपसे कहूँ कि आपको एक कॉलेज में एडमिशन लेना है, या आपको अपना वजन बढ़ाना है तो क्या यह आपके लिए एक साफ़ लक्ष्य होगा। ऐसी सोच कभी भी आपका लक्ष्य नहीं बन सकती। यह तो बस आपका सपना है, एक साफ़ लक्ष्य हम इसे कहेंगे जब आप तय कर लेते हैं कि आपको 3 महीनों में 5 किलो वजन बढ़ाना है। जब तक आप स्पष्ट लक्ष्य नहीं बनायेंगे तब तक यह सिर्फ आपका सपना होगा। यदि आपको अपने Dreams अचीव करने हैं, तब सबसे पहले आप अपने सपनों को लक्ष्य में बदलिए। एक सफल व्यक्ति से जब आप पूछेंगे कि उसका लक्ष्य क्या है! तब वह तुरंत आपको जवाब देगा कि अभी उसका टारगेट यह है, और उसे 2 साल में एक निश्चित तारीख से पहले वह पूरा कर लेगा। लेकिन जिसके पास कोई लक्ष्य नहीं होता, जो सिर्फ सपने देखता है, यदि आप उससे पूछेंगे तब वो यही कहेगा, अरे! कुछ भी कर लेंगे… ऐसे में उसकी सफलता की गाड़ी कभी आगे नहीं बढ़ सकती।

लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और सपनों को लक्ष्य में बदलने के लिए SMART GOAL बनाइए।

SMART GOALS 

S – Specific (स्पष्ट) –   यह लक्ष्य तभी बनता है जब आप तय कर लेते हैं कि आपको 30 दिनों में physics का 3 चैप्टर ख़त्म करना है। (यह एक उदाहरण है, आप अपने लिए एक स्पष्ट लक्ष्य सेट कर सकते हैं।)

M- Measurable (जिसे मापा जा सके) – इस लक्ष्य में आपको मापना होता होता है। एक सही माप ही वह रास्ता है जिससे आप अपने लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने के लिए कदम उठा सकते हैं। जैसे – आपको 30 दिनों में physics का 3 चैप्टर ख़त्म करना है। 3 चैप्टर को आप माप रहे हैं इसलिए यह आपका Measurable Goal है।

A – Achievable (हासिल करने के काबिल) – कई बार हम ऐसे लक्ष्य भी बना लेते हैं जो नामुमकिन होता है, ऐसे लक्ष्य जो चुनौती भरे और मुश्किल तो हों लेकिन वह असम्भव न हो। ऐसे भी लक्ष्य न बनाएं जो आपको असम्भव लगे और निराश करने वाले हों। जिसको आप हासिल कर सकते हैं वैसे लक्ष्य ही बनाइए। उदहारण के लिए- आपको 30 दिनों में physics, chemistry, mathematics, और भी बाकी विषयों के 10-10 चैप्टर ख़त्म करने हैं। ऐसे असम्भव लक्ष्य बनाने से आप निराश हो सकते हैं और इससे शायद 1 चैप्टर भी खत्म न हो।

R – Realistic (वास्तविक) – पढाई के शुरूआती दौर में आप 1 दिन में ही सभी विषयों के चैप्टर खत्म नहीं कर सकते हैं, ऐसे लक्ष्य बनाएं जो आप वास्तव में हासिल कर सकें।

T – Time Bound (समयबद्ध)– एक समय-सीमा तय करें। काम के शुरूआत से अंत तक की एक टाइम लिमिट होनी चाहिए। आप कब शुरू कर रहे हैं और कब ख़त्म करेंगे यह आपके माइंड में क्लियर होना चाहिए। जैसे महीने की पहली तारीख से आखिरी तक आपको 3 चैप्टर हर हाल में ख़त्म करना है।

The Reason Behind the Goal

बहुत सारे स्टूडेंट्स या लोग आपको ऐसे मिलेंगे जो कहेंगे कि मुझे IIT/MBBS/MBA ये करना है, लेकिन जब आप उनसे पूछेंगे कि ये क्यों करना है! तब ज्यादातर लोगों का जवाब होगा, पापा ने कहा है, मेरे बहुत सारे दोस्त कर रहे हैं, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है इसलिए मुझे लगा, यही कर लेना चाहिए। ईमानदारी से कहूँ तो लक्ष्य के पीछे के ऐसे reason बहुत बकवास होते हैं और इससे लोग बहुत जल्दी Quit भी कर देते हैं। क्योंकि Parents के कहने से ही आप ज्यादा दूर तक नहीं जा सकते। जब आपका अपना दिमाग किसी काम को करने के लिए कहता है तब आप अपने लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं लेकिन जब आपके ऊपर किसी दुसरे का प्रेशर होता है तो शायद आप जल्दी ही Quit कर दें। आप लम्बे समय तक किसी चीज में तभी टिके रह सकते हैं जब आपका माइंड आपसे कहे कि हाँ सचमुच आपको वही करना है।

संगत

आपका मोटापा बढ़ता जा रहा है, आप डायटिंग प्लान कर रहे हैं, लेकिन यदि हर रोज़ आपके घर में पकोड़े तले जा रहे हों, एक से बढ़कर एक खाने के लिए स्वादिष्ट व्यंजन बन रहे हों तो क्या आप ऐसे में डायटिंग कर पाएंगे। आप IIT की तैयारी कर रहे हैं लेकिन आपका हर दोस्त फेसबुक या Whatsapp से ही चिपका हुआ है, क्या आप उनके साथ तैयारी कर सकते हैं। मतलब यह है कि आपको ऐसे ग्रुप्स ढूंढने होंगे जो आपकी तरह ही प्लान बनाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। यदि हम सफल होना चाहते हैं तो ये बहुत इम्पोर्टेन्ट है कि हम अपनी संगत पर गौर करें। हम किन लोगों के साथ रहते हैं यह  हमारी सफलता के लिए बहुत मायने रखता है। अच्छे लोगों की संगति से आप भी अच्छे बन सकते हैं, इसलिए अपनी संगत बहुत ध्यान से चुनिए क्योंकि सफलता के लिए एक अच्छी संगति का होना जरूरी है।

Detailed Actions Plan

हमारी सबसे बड़ी गलती होती है या एक बुरी आदत होती है कि हम बड़े-बड़े प्लान्स बना लेते हैं। मतलब लक्ष्यों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटना नहीं आता। यदि आपको एक बड़ी मछली को खाना है, तो आप उसे कैसे खायेंगे! आपको मछली के टुकड़े करने होंगे, आप बिना टुकड़ा किए एकसाथ ही उसे नहीं खा सकते हैं। हमें अपने एक्शन प्लान्स को अलग-अलग भाग में बांटना होगा।

2018 की शुरुआत में मैंने सोचा था कि हर दिन 10 पोस्ट रेगुलर साईट पर प्रकाशित करूँगा, शायद यह मेरा लक्ष्य भी था, लेकिन 10 की जगह 1 पोस्ट भी प्रकाशित नहीं कर पाया। क्योंकि जब हम बड़े एक्शन प्लान बनाते हैं और वह अचीव नहीं हो पाता तो हमारा दिमाग इस बात को एक्सेप्ट कर लेता है कि अब छोड़ो! और काम को टालते जाओ। अब मेरा लक्ष्य दिन में सिर्फ 1 पोस्ट का है। 10 पोस्ट लिखना भी संभव है लेकिन इंसान के पास बहुत सारे ऐसे काम भी आ जाते हैं जिससे उसका पूरा समय बंट जाता है। जैसे किसी की शादी में जाना हो गया, फैमिली में किसी की तबियत खराब हो गयी… और ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं जो आपके बड़े एक्शन प्लान में रुकावट बन जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम काम को टुकड़ों में बाँट दें।

हम शुरुआत बहुत अच्छी तरह से करते हैं लेकिन बीच में कोई न कोई रुकावट आ ही जाती है, तब हमें एक चीज की कल्पना करनी होती है। जरा सोचें आप बाजार जा रहे हैं, बरसात का मौसम है जगह जगह सड़कों के खड्डों पर पानी भरा है, आपने कपड़े के दूकान से नए कपड़े ख़रीदे हैं और उसी कपड़ों को पहनकर आप रास्ते पर चल रहे हैं। अचानक ही आपका पैर फिसल गया और आप सड़क पर खड्डों में जा गिरे, अब आप कीचड़ से लथपथ हैं। आप कितनी देर तक उस कीचड़ में गिरे रहना पसंद करेंगे। जाहिर है कि आप तुरंत उठेंगे, वहां से बाहर निकल आएँगे और फ्रेश होकर दुसरे कपड़े पहनकर तैयार होंगे। same हमें ऐसे ही करना होगा, फटाफट से उस काम में लग जाना होगा, यदि हम उसे टालते रहेंगे तो वह कभी पूरा नहीं हो पाएगा। हमेशा याद रखिये कि कुछ भी हो जाए हमें Quit नहीं करना है। ये मत सोचिये कि बहुत लम्बा गेप हो गया, और आप नहीं कर पाए.. बस ये देखिये कि अब आप उसे कैसे रिकवर करेंगे।

विश्वास कीजिए

कई बार जब हम सफल होने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं तब बहुत बार मन में ऐसे खयाल भी आते हैं कि हम जो कर रहे हैं उसमें सफल होंगे भी या नहीं! कई लोग बड़ी-बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होते हैं, बहुत मेहनत के बाद भी उनके मन में एक डाउट होता है कि वे सफल होंगे या नहीं! ऐसी खयाल आना स्वाभाविक है क्योंकि हमारा दिमाग ऐसी बातें सोचता ही है, ये घबराने के ऐसे बहुत से तरीके ढूंढता रहता है। उस समय हमें खुद पर भरोसा करना होता है, अपने भगवान पर भरोसा करना होता है, अपने अन्दर के विश्वास को जगाना होता है। आपके मेहनत का अच्छा रिजल्ट जरूर निकलेगा। जब आप सफलता की Journey पर रहते हैं तो बहुत सारे नेगेटिव खयाल दिमाग में आते ही रहते हैं लेकिन जब आप लम्बे समय से कड़ी मेहनत करते आ रहे होते हैं तब आपको खुद पर विश्वास करना होता है, खुद पर भरोसा रखिए, क्योंकि आपकी मेहनत कभी बेकार नहीं जाएगी..

 

दोस्तों ये सब कॉमन बातें हैं लेकिन जब आप इन्हें गहराई से समझने की कोशिश करते हैं तब आप बहुत आगे जा सकते हैं।

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धन्यवाद 🙂

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